जीवन मंत्र
जीवन एक क्रिकेट मैच
13 Sep, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
प्रांतिकारी संत तरुणसागरजी ने क्रिकेट की व्याख्या करते हुए कहा कि जीवन एक क्रिकेट है, धरती की विराट पिच पर समय बॉलिंग कर रहा है। शरीर बल्लेबाज है, परमात्मा के...
क्या हैं आध्यात्मिक होने का अर्थ
12 Sep, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
यह प्रश्न किसी भी जिज्ञासु के मन में उठ सकता है कि हमें ठीक-ठीक ऐसा क्या करना चाहिए ताकि वह जो परम है, जो परमेश्वर है, वह मेरे जीवन में...
बुध ग्रह होने वाले हैं वक्री, इन राशि के जातकों को मिलेगा लाभ ही लाभ
22 Aug, 2023 10:40 AM IST | MP01.ORG
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह बुद्धि, तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल का कारक माना जाता है। यह चंद्रमा के बाद सबसे छोटा और सबसे तेज़ गति से चलने...
चाणक्य विचार: ऐसे मित्रों का तुरंत करें त्याग, वरना बहुत पछताएंगे
27 Jul, 2023 06:30 AM IST | MP01.ORG
आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक माना गया हैं। इनकी नीतियां देश दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना...
व्यक्तिगत चेतना का विस्तार
26 Jul, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
दूसरों के सुख-दुख का भागी बनने से हमारी व्यक्तिगत चेतना विकसित होकर विश्व चेतना बन जाती है। समय के साथ जब ज्ञान की वृद्धि होती है, तब उदासीनता संभव नहीं।...
अंतर्दृष्टि से अनुबंधित है ज्ञान
23 Jul, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
बुद्धि अच्छी चीज है, पर कोरी बौद्धिकता ही सब कुछ नहीं है। इससे व्यक्ति के जीवन में नीरसता और शुष्कता आती है। ज्ञान अंतर्दृष्टि से अनुबंधित है, इसलिए यह अपने...
आपने कभी सोचा है, साथ क्या जाएगा ?
22 Jul, 2023 06:45 AM IST | MP01.ORG
आज के इस भौतिकवादी युग का तथाकथित प्रगतिशील मनुष्य विकास की अंधी दौड़ में पूरा जीवन विकास के नाम पर भविष्य की चिंता करते हुए अपने लिए गाड़ी, बंगला, धन-संपत्ति...
चाणक्य नीति: जीवन में सुख शांति लाने के लिए इन चीजों से रहें दूर
20 Jul, 2023 06:15 AM IST | MP01.ORG
आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों की श्रेणी में स्थान प्राप्त हैं इनकी नीतियां दुनियाभर में प्रसिद्ध मानी जाती हैं। चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को...
कर्म के पाप-पुण्य में फंस जाता है जीव
20 Jul, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
ईश्वर क्षेत्रज्ञ या चेतन है, जैसा कि जीव भी है, लेकिन जीव केवल अपने शरीर के प्रति सचेत रहता है, जबकि भगवान समस्त शरीरों के प्रति सचेत रहते हैं। चूंकि...
सुख की उपेक्षा क्यों?
19 Jul, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
मेरे पास लोग आते हैं। जब वे अपने दुख की कथा रोने लगते हैं, तो बड़े प्रसन्न मालूम होते हैं। उनकी आंखों में चमक मालूम होती है। जैसे कोई बड़ा...
सुख के स्वभाव में डूबो
18 Jul, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
लगता है, आदमी दुख का खोजी है। दुख को छोड़ता नहीं, दुख को पकड़ता है। दुख को बचाता है। दुख को संवारता है; तिजोरी में संभालकर रखता है।
दुख का...
कर्त्तव्य को बनाएं सर्वोपरि लक्ष्य
16 Jul, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
अध्यापक ने विद्यार्थियों से पूछा- ‘रामायण और महाभारत में क्या अंतर है?’ विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी समझ के अनुसार उत्तर दिए।
अध्यापक को संतोष नहीं हुआ। एक विद्यार्थी ने अनुरोध किया- ‘आप...
व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया
15 Jul, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
बदलाव का क्रम निरंतर चलता है। जैन दर्शन इस क्रम को पर्याय-परिवर्तन के रूप में स्वीकार करता है। पर्याय का अर्थ है अवस्था। प्रत्येक वस्तु की अवस्था प्रतिक्षण बदलती है।...
दूसरों के दुख से अपना दुख ज्यादा बेहतर
14 Jul, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
एक कहावत है राजा दुखी, प्रजा दुखी सुखिया का दुख दुना। कहने का अर्थ यह है कि संसार में जिसे देखो वह अपने को दुखी ही कहेगा। राजा का अपना...
प्रकाशस्रोत परमात्मा
13 Jul, 2023 06:00 AM IST | MP01.ORG
परमात्मा या भगवान ही सूर्य, चन्द्र तथा नक्षत्रों जैसी प्रकाशमान वस्तुओं के प्रकाशस्रोत हैं। वैदिक साहित्य बताता है कि वैकुंठ राज्य में सूर्य या चन्द्रमा की आवश्यकता नहीं पड़ती, क्योंकि...