नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में आवश्यक जानकारी और दस्तावेज भेजने के लिए एक सख्त आदेश जारी किया, जिसकी सुनवाई वर्तमान में उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है। मस्जिद समिति के वकील ने अदालत को बताया कि भूमि विवाद के संबंध में विभिन्न राहतों के लिए मुकदमा दायर करना हाल ही में बाहरी लोगों द्वारा प्रेरित घटना थी, भले ही विभिन्न धार्मिक समुदाय क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव के साथ रह रहे हों। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ वर्तमान में मस्जिद समिति द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर कई मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज मैं आपको पृष्ठभूमि बताना चाहता हूं। मथुरा सिविल कोर्ट में हमने धारा 24 सीपीसी के तहत एक आवेदन दायर किया, जिसमें मांग की गई कि कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी विवादों को मूल सुनवाई के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर का दूसरा रिमाइंडर जारी किया जब रजिस्ट्रार इलाहाबाद हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देनी होगी कि कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित कितने मामलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया है। 
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से केस संबंधी ब्यौरा मांगा था। हाईकोर्ट रजिस्ट्रार से पूछा गया कि इस मामले में कौन-कौन सी याचिकाएं एक साथ जोड़ी जानी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ही सारे मामले को सुनेगा। जस्टिस किशन कौल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बेहतर है कि ये मामला हाईकोर्ट ही सुने क्योंकि मामले में कई सारी याचिकाएं दाखिल हैं।